विचार

सोमवार, 12 मई 2008

बातें कैम्पस की

१०-११ मई को माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में "साक्षात्कार लेखन "विषयक एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमें देश के जाने-माने पत्रकारों ने भावी पत्रकारों को साक्षात्कार लेने के गुड सिखाये।इस कार्यशाला में श्री आलोक पुराणिक,श्री श्वेता सिंह (न्यूज़ 24)श्री ब्रिजेश राजपूत (स्टार न्यूज़ )श्री राजेश सिरौथियाँ (आउट लुक)श्री विनय उपाध्याय (दैनिक नईदुनिया )श्री दीपक तिवारी (डी वीक )श्री विजय मनोहर तिवारी (भाष्कर) ने छात्रों के साथ अपने अनुभवों को छात्रों के साथ बांटा और बारीकियां बताई।
छात्रों को दोहरा हर्ष टैब हुआ जब ,उन्होंने अपने पसंदीदा पत्रकोरों जिसे स्क्रीन पर साक्षात्कार देखा था या अखबार में पढ़ा था,उनकी बातों को सुना ही नही ,उनका ही साक्षात्कार लेने का मौका मिला.हमेशा अपने प्रश्नों से सामने वालों के छाके छुडाने वाले इन पत्रकारों को कई बार ऐसे प्रश्नों का सामना करना पड़ा जिससे साक्षात्कार देने में आने वाली कठिनैयाँ उनकी समझ में आई और उन्हें सकपकाना पड़ गया.जब वरिष्ठ पत्रकार श्री विजय से छात्रों ने पूछा की श्रीमान ऐ बताइएआप अपने कैरिअर में थोड़े समय में एक टीचर से पत्रकार,इसके बाद उपन्यासकार बने इसके बाद आप क्या करने वाले हैं.

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