गर्मी क मौसम रहा दुखीराम के अमरैयाँ मे पेड़ के शाखा से बड़े-
बड़े गुच्छा में आम लदे रहे.
त घर के सयान उनका देखई के खातिर बगीचा में भेजी देहें लेकिन जइसा दुखीराम क आदत रही बगीचा में पड़ी खटिया पर पड़े-
पड़े देश दुनिया के बारे में सोचई लगे.उनका दिमाग में समय-
समय पर netaa logan dwaaraa जज साहेब लोगन पर जवान आरोप लगाई जाथ उही पर उनका मन लगा रहा