विचार

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019

विपक्षी गठबंधन : ज्यादा जोगी मठ उजाड़


हस्तिनापुर(तकरीबन वर्तमान दिल्ली) के लिये समर की तैयारियां तेज हो गईं हैं। दोनों ही पक्ष , सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने तीर कमान दुरुस्त करने में जुटा है। दोस्त भी जुटाए जा रहे हैं। इस पर दोनों पक्षों से अलग तमाम लोग नज़र भी रख रहे हैं। इस बीच मुझे एक बार फिर लगता है कि जीत तो उसी की होगी जिस तरफ कृष्ण(जनता) होंगे। भले ही उनकी अक्षौहिणी सेना(तमाम राजनीतिक दलों को समझ सकते हैं) किसी दूसरी तरफ से लड़े, एक बार फिर यह मानने में कोई दो राय नहीं होगी कि किसी भी प्रकार से घटनाक्रम ऐसा घटित होगा कि कृष्ण सही और उचित की ओर से लड़ेंगे यानी जीत तो सच की होनी चाहिए। खैर इस दृष्टांत के जरिये मैं आने वाले लोकसभा चुनाव को समझने का प्रयास कर रहा हूँ। इससे पहले हमारे यहां मशहूर दो कहावतों पर नज़रसनी चाहता हूँ। एक ज्यादा जोगी मठ उजाड़ और दूसरा नौ कनौजिया नब्बे चूल्हा मोटामोटी अर्थ यह समझिए कि इतने अधिक विभिन्नता वाले लोगों में मतैक्य की गुंजाइश कम समझिए। अब चलते हैं आज के राजनीतिक परिदृश्य पर। कोलकाता से हैदराबाद तक में कम से कम चार गठबंधन मोर्चे पर हैं जगह-जगह जोरआजमाइश हो रही है।

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